टाइटैनिक
जहाज दुनिया का सबसे बड़ा जहाज था इस जहाज को 31 मार्च 1909 को, 3000
लोगों ने बनाना शुरू किया था. इसे 26 मई 1911 तक यानि 26 महीनों में
तैयार कर दिया गया था. यह जहाज फुटबॉल के 3 मैदानों जितना बड़ा था, 1911 को
एक लाख से भी ज्यादा लोग इसे देखने के लिए आये थे.
टाइटैनिक
जहाज को 8 अप्रैल 1912 को इंग्लॅण्ड से न्यूयोर्क के लिए रवाना किया गया
था, चार दिनों तक सब ठीक ठाक चलता रहा किन्तु 12 अप्रैल 1912 को एक चटटान
से टकरा गया था. टक्कर के 2 घंटे 40 मिनट बाद पूरी तरह से समुद्र में समा
गया था, इस जहाज पर 3547 लोग सवार थे इस जहाज पर सिर्फ 20 लाइफबोट ही थीं
जो कि एक तिहाई लोगों को ही बचा सकती थीं.
जब
ये पानी में डूबा उस समय का तपमान -3 डिग्री था, इस जहाज को हर दिन 600
टन कोयले की जरुरत होती थी. यह घटना उत्तरी अटलांटिक में हुई थी 73 साल
बाद टाइटैनिक का मालवा ढूंढा गया था. जो 5 किलोमीटर के दायरे में खेला पड़ा
था, और टाइटैनिक दो हिस्सों में अलग अलग पड़ा मिला.
टाइटैनिक
फिल्म को बनाने में खर्च ,जहाज को बनाने के खर्च से 40 % ज्यादा आया था.
उस समय एक आदमी का किया कराया 50 लाख रूपये के बराबर था.
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