Australia में 1968 में बना पहला Gurudwara है. Australia में सिखों की आगमन की Story करीब 150 साल पुरानी है. वूलगूलगा/ WOOL GOOLGA स्थित इस Gurudware के बारे में बताते हैं-
Thakur Singh ने साल 1901 में दो साथियों के साथ Jalandhar से Australia जाने का फ़ैसला किया था. Thakur Singh और उनके दो साथी जब Australia जाने के लिए बंदरगाह गये तो महासागर देखकर एक साथी के हाथ पांव फूल गये और वो डर कर वापस लौट गया. लेकिन Thakur Singh दूसरे साथी के साथ Australia पहुंच गए.
लोग भारत से सबसे पहले Western Side पर स्थित Perth City पहुंचते थे और उसके बाद ज़मीन या जहाज़ के रास्ते सफ़र करते थे.
Rashmir Bhatti और वर्न ए डुसेनबेरी ने Australia, खासकर वूलगूलगा में, सिखों के बसने पर किताब लिखी है. किताब का नाम है 'A Punjabi Sikh Community In Australia' और 'फ्रॉम सोजर्नर्स टू सेटलेर्स.' हैं.
किताब के मुताबिक जब British Army में तैनात सिख सैनिक सिंगापुर और हांगकांग जैसे दक्षिण एशियाई देशों में गए तो उन्हें Australia जैसे देशों में काम के बारे में पता चला. जल्द ही बात पंजाब के गावों में फैल गई. 19वीं शताब्दी के आखिरी सालों में जब सिख Australia पहुंचने लगे तो वहां माहौल एशियाई लोगों के ख़िलाफ़ था. गोरे Australian लोगों को डर था कि बाहरी लोग उनकी नौकरियां, उनका काम ले लेंगे.
Bharat से आने वाले ये Punjabi लोग अनजान Community के बीच बहुत मुश्किल हालातों में काम करते और रहते थे.
भारत में British राज के कारण कई लोग अंग्रेज़ी भाषा के बारे में थोड़ा बहुत ज्ञान जानते थे.
ये लोग कुछ साल Australia के गन्ने, भुट्टों, केले के खेतों आदि जगहों में काम करते और फिर पैसे कमाकर वापस भारत लौट जाते. और फिर वापस Australia आ जाते. भारत और Australia दोनों पर ब्रिटेन का शासन था इसलिए आने-जाने में परेशानी नहीं थी.
भारत से आने वाले लोगों को 'Hindus ' कहा जाता था. किताब के अनुसार साल 1897 तक Australia के क्लेरेंस, रिचमेंड और ट्वीड ज़िलों में 521 हिंदू रहते थे.
वूलगूलगा-कॉफ़्स हार्बर में रहने वाला पंजाबी सिख समुदाय इन्हीं का वंशज है.
Australia में बाहरी लोगों का डर इतना बढ़ा कि साल 1901 में इमिग्रेशन रिस्ट्रिक्शन ऐक्ट कानून पास हुआ. इसे व्हाइट Australia नीति के नाम से जाना जाता है, यानी क़ानूनन Australia में Asian लोगों के आने पर Ban लग गया.
किताब के मुताबिक British अधिकारियों को चिंता थी कि अगर Australia में भारतीयों के ख़िलाफ़ खुला भेदभाव हुआ तो असर British और भारतीयों के बीच संबंधों पर पड़ेगा.
जब पंजाबी लोगों को लगा कि महिलाओं के लिए ये जगह Safe है तो वो परिवारों को भी Punjab से साथ लाने लगे. Australia के पहले गुरुद्वारे के पीछे 1967 की एक घटना है.
Australia के 'Mini Punjab ' WOOL GOOLGA में आपको दूर से गुरुद्वारे का चमकता हुआ गुंबद नज़र आ जाएगा. ग्रिल से घिरे गुरुद्वारे के बाहर सफ़ेद बोर्ड पर अंग्रेज़ी में लिखा है- 3 जनवरी 1970 को सबसे पहले खुला. ये है वूलगूलगा का दूसरा गुरुद्वारा.
पहला गुरुद्वारा बनने के 50 साल पूरा होने के उपलक्ष्य में अब नज़दीक ही तीसरा गुरुद्वारा बन रहा है जिस पर काम करने के लिए कारीगर पंजाब से आए हैं. Punjab से आए सिखों आज काफी धन संपत्ति वाले लोग हैं।
Punjab से आने वाले लोग दिलों में पंजाब हमेशा के लिए बसा है.