दुनिया की 70 % आबादी के लिए ये खबर बहुतर महत्त्वपूर्ण है आप ये जानकारी बहुत ध्यान से देखें
कैसे दुनिया की मोबाइल कम्पनियां आपके साथ धोखा कर रही हैं? इनके लालच ने आपको और आपके पूरी परिवार को खतरे में डाल दिया है.
AIIMS
के बहुत बड़े रिसर्च से कुछ चौकाने वाले रहस्यों से पर्दा उठा है , इस
रिपोर्ट के मुताबिक 10 साल से ज्यादा मोबाइल फ़ोन के इस्तेमाल से ब्रेन
ट्यूमर का 33 % खतरा बढ़ जाता है , मतलब मोबाइल फ़ोन में टावर के साथ साथ
ट्यूमर भी है।
मोबाइल
कंपनियों द्वारा इस स्पोंसर्ड रिसर्च में हमेशा मोबाइल के रेडिएशन खतरे
को ना के बराबर दिखाया जाता है। ये एक तरह से Industrial Terrorism है।
AIMS
ने अलग अलग रिसर्च के आधार पर एक Meta Analysis तैयार किया है जो रिसर्च
मोबाइल कम्पनीज द्वारा फंडेड हैं उनकी रिसर्च की गुणवत्ता अच्छी नहीं है
यानी की उनकी Paid रिसर्च है जिनको सिर्फ कम्पनीज के फायदे के लिए दिखाया
जाता है ऐसी रिसर्च को सिर्फ Consumers को भ्रमित करने के लिये तैयार किया
जाता है
एक
रिसर्च के मुताबिक , मोबाइल फ़ोन से इलेक्ट्रो मैग्नेटिक वेव्स निकलती हैं
इन तरंगों से ब्रेन कैंसर भी हो सकता है सन 2017 में पूरी दुनिया में 500
करोड़ से ज्यादा मोबाइल फ़ोन users हैं भारत की 80 % आबादी मोबाइल फ़ोन्स का
इस्तेमाल करती है.
इजराइल
की एक रिसर्च में कहा गया है की मोबाइल से निकल रहे Radiation से बच्चो को
घातक बीमारियां हो सकती है , पुरुषों में स्पर्म की कमी आ सकती है , Brain Cancer का कारण हो सकता है, Pregnancy में बच्चे का विकास रुक सकता
है या बच्चा अपांग पैदा हो सकता है .
American
Dr. Devra Devis ने कहा है जिसमे एक 3 साल की बच्ची पर रिसर्च किया गया
जिसमे उस बच्ची से मात्र 6 मिनट की फोन कॉल के बाद MRI किया जिसमे कुछ
ऐसा दिखने लगता है , उन्होंने कहा कि हमें बड़ों से ज्यादा चिंता इस 3 साल
की बच्ची की MRI देखकर हुई , 6 मिनट की कॉल के बाद पीले और लाल का रेडिएशन
इस बच्ची की दोनों आँखों तक पहुंच गया, लेकिन इससे किसी की मौत नहीं होगी
और कोई biological इफ़ेक्ट नहीं पड़ेगा लेकिन सबाल ये है की इस तरह की
लगातार exposure का क्या असर होगा ?
जब रेडिएशन की बात आती है तो हमारे पास अब तक कोई रेडिएशन कण्ट्रोल करने की तकनिकी मौजूद नहीं है.
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