Earthquakes यानि धरती का हिलना क्या होता है ? अगर किसी भूकंप के टाइम धरती के कम्पन के अधिकतम आयाम और आरबिटरेरी आयाम के अनुपात के साधारण कैलकुलेशन को “रिक्टर स्केल” बोलते हैं. इसका पूरा नाम “Richtor Magnitute Test Scale” है रिक्टर स्केल सन 1930 में विकसित किया गया लेकिन पूरी तरह से 1970 में तैयार होने में सफलता मिल पाई इसको अमेरिका के साइंटिस्ट Mr. Charles Fransis Richtor ने तैयार किया.
क्या फर्क पड़ता है रिक्टर स्केल की तीब्रता का?
-अगर भूकंप 0 से 1.9 रिक्टर स्केल पर है तो सिर्फ सिज्मोग्राफ से ही पता चल पायेगा
- अगर भूकंप 2 से 2.9 रिक्टर स्केल पर आने से हल्का कम्पन ही होगा
- अगर भूकंप 3 - 3.9 रिक्टर स्केल पर है तो किसी बड़े वाहन के गुजरने जैसा असर दिखेगा
- अगर भूकंप 4 – 4.9 रिक्टर स्केल पर है तो विंडो गिलास टूट सकते हैं तस्वीरे गिर सकती हैं
- अगर भूकंप 5 – 5.9 रिक्टर स्केल पर आने घरों के सामान हिलने लग सकते हैं
-अगर भूकंप 6 – 6.9 रिक्टर स्केल पर है बिल्डिंग की नींव दरक सकती है या बिल्डिंग चटक सकती हैं
-अगर भूकंप 7 – 7.9 रिक्टर स्केल पर है तो बुल्डिंग गिर सकती हैं सुरंगे बर्बाद हो सकती है
-अगर भूकंप 8 - 8.9 रिक्टर स्केल पर है तो बिल्डिंग ,पुल घिर सकते हैं
-अगर भूकंप 9.0 और उस से अधिक रिक्टर स्केल पर है तो बहुत बुरी तबाही आ जाएगी धरती कांपने लगेगी|

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