Tuesday 6 February 2018

कुतुबमीनार का भूतिया रहस्य

कुतुबमीनार  निर्माण कुशलता का दुनिया का एक नायाब नमूना है।  कुतुबमीनार को कुतुबुद्दीन एवक ने सन 1112 ईस्वी में किया था. 

इसे देखने के लिए आपको अंदर और ऊपर नहीं जाने दिया जाता है क्योकि ऐसा सरकारी आदेश के अनसार है, कुतुबमीनार लगभग 900 साल पुरानी है। 

कई बार इसे देखने आये लोगों ने ऐसा दावा किया कि इसके पास किसी के होने का आभास होता है और पारा नार्मल इन्वेस्टिगेटर्स ने यहाँ अज्ञात शक्तिओं के पाए जाने का दावा किया था.

साल 1983 के पहले लोगों को इसके अंदर जाने दिया जाता था लेकिन 4 दिसंबर 1984 को कुछ ऐसा हुआ कि इसके दरवाज़ों को बंद करना पड़ा. इस दिन करीब 400 लोग इसके अंदर थे इसमें ज्यादातर स्कूल के बच्चे थे और ये सीढ़ियों से ऊपर चढ़ रहे थे.  इसकी सीढ़ियां बहुत छोटी हैं कि कोई  एक ही उन पर जा सकता है और अंदर रौशनी का कोई बाहरी स्रोत नहीं था, सिर्फ बिजली के बल्ब लगाए गए थे लेकिन अचानक Power Supply बंद  हो गयी और अँधेरे में सभी लोग डर गए और लोग नीचे की ओर भागने लगे लेकिन सीढ़ियां इतनी छोटी होने के कारण इस भगदड़ में 45 लोगो की मौत हुई, तभी से कुतुबमीनार के अंदर जाना बंद कर दिया गया.  इसीलिए इसे सरकारी तौर पर बंद कर दिया गया. 

Para Normal Research में पाया गया कि यहाँ अजीब सा अहसास महसूस होता है इसमें अंदर जाने वाले लोगों का कहना है की इसके अंदर किसी के होने है अहसास होता है.  

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