Tuesday, 6 February 2018

भारत में तेल व्यापार का काला सच जानिए ?

हिंदुस्तान के बाज़ार में इस टाइम विदेशी तेल बिक रहा है आप सभी जानते हैं कि मलेशिया की एक कंपनी है पामोलिन, ये तेल सबसे ज्यादा भारत के बाज़ार में है| भारत में इस तेल का भाव पड़ता है 20-22 रुपया प्रति लीटर , और हमारे यहाँ पैदा होने बाले तेल का भाव अधिक पड़ता है जैसे सरसों का तेल 100 रुपये लीटर , नारियल का तेल 80 रुपये लीटर | जो तेल व्यापारी हैं वो धड़ल्ले से लाखों टन पामोलिन आयात कर रहे हैं| और उस पामोलिन तेल को मिलावट करके आपको बेच रहे हैं| 

आप बाज़ार से डिब्बाबंद जितना भी तेल, रिफाइंड लाते हैं वो सब पाम तेल है या उसमे उसकी मिलावट है | बाज़ार में रिफाइंड और डबल रिफाइंड के नाम से, सरसों के तेल, नारियल के तेल, तिल का तेल के नाम से जिनता भी तेल मिल रहा है वो सब में Palmoline तेल है| हमारे किसानों के तेलों के भाव नहीं हैं तो Farmers ने तिलहन पैदा कम कर दिया|

पाम तेल से पहला नुकसान देश के किसानों हुआ है और दूसरा नुकसान जनता की सेहत को हो रहा है पाम तेल खाने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है पाम तेल के बारे में सारी दुनिया में जो रिसर्च हुई है वो बताते हैं कि पाम तेल में सबसे ज्यादा Trans Fats हैं जो बॉडी में कभी भी Dissolve नहीं होते, इसीलिए मोटापा की बीमारी होने लगती है जिसके कारण शरीर में बहुत सारे रोगों का भर बन जाता है| Trans Fats बढ़ने से शुगर, ब्रेन हेमरेज, ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक, जैसे बहुत सारे रोग पाम तेल के दुष्परिणाम ही हैं| 

Palm Oil दुनिया में कोई नहीं खाता सिवाय भारत को छोड़ के. मलेशिया खुद Palm  तेल नहीं खाता| भारत में एक कानून था कि वेजिटेबल आयल में कोई भी मिलावट नहीं की जाएगी, किन्तु विदेशी करार में गवर्नमेंट  से वो कानून ख़त्म करवा दिया| अब ये सब धड़ल्ले से मिलावट करने के काम में आ रहा है|

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