Valentine Day को लोग क्यों मानते थे ? पहले Europe में शादी करना
अनिवार्य नहीं समझा जाता था, लोग अय्यास स्वाभाव के होते थे | Europe का एक राजा हुआ करता था जिसका नाम क्लाउडियस था जो ये मानता था की स्त्री को हमेशा रखेल बनाकर
रखा जा सकता है उसको Wife का दर्ज देना मूर्खता है उसी राजा के राज्य में
एक Pop हुए जिनका नाम Valentine था। उन्होंने Indian Philosophy का
गहन अध्ययन किया करता था और भारत की परिवार व्यवस्था से प्रेरित होकर वह
भरपूर प्रचार प्रसार किया करता था और लोगो भारतीय परिवार परम्पराओं का
हवाला दिया करता था लोगो को बोलता था कि शादी करके रहो, एक पत्नी के साथ
रहो, ऐसा गांव गांव प्रचार किया करता था । ऐसा करने से Valentine काफी Famous हो गए शादियां कराने के लिए।
ये
बात रोम के क्रूर राजा Cloudous को पता चली तो वो भड़क उठा बोलता था कि Valentine हमारी परंपरा का नाश करने में लगा है राजा ने वैलेंटाइन को
इसी कारण फांसी पर 14 फरबरी सन 498 को लटका दिया उसके बाद जिन लोगो की
शादीयां कराई थीँ उन लोगों ने उसकी दुखद याद में 14 फरवरी से Valentine Day मनाना शुरू कर दिया। Valentine Day शादीशुदा (Married) लोगों ने ही मनाया ।
अब
हमारे भारत देश में स्कूल में, कॉलेजों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है
वैलेंटाइन डे के ग्रीटिंग कार्ड्स पर लिखा होता "Would be my valentine"
जिसका मतलब होता है की "क्या तुम मुझसे शादी करोगे" हमारे देश के लड़के
लड़कियां बिना सोचे समझे एक दूसरे को ग्रीटिंग कार्ड्स, गिफ्ट्स देते हैं
जिस से बहुत सारी विदेशी Companies इस Business में लग गयी और इसको Promote करने
लगी जिससे उनका बिज़नस बढ़ गया, टीवी चैनल्स, अख़बारों, फिल्मी दुनिया के
लोगों ने युवाओ को बरगलाने के लिए भी खूब प्रचार प्रसार किया जिससे गली मोहल्लो
के बच्चे भी Valentine Day के चक्कर में फॅस गये।
Europe में वैलेंटाइन डे होता है क्योंकि वहां लोग शादिया कम करते हैं वहां
लोग Live In Relation में रहना पसंद ज्यादा पसंद करते हैं। वहां की Culture अलग
है हमारी Culture अलग है, तथा वहां एक स्त्री बहुत सारे
पुरुषों के साथ तथा एक Male बहुत सारी Females के साथ Relation रख सकती है कोई
बुराई नहीं मानी जाती है । ऐसी उनकी परंपरा है जो हमारे भारत देश की
सामाजिक परम्पराओ के एक दम विपरीत है वहां शादी का कोई विशेष मतलब नहीं
होता इसीलिए Divorse अधिक होते रहते हैं। हमारे देश में ऐसी परम्पराओं का कोई
औचित्य नहीं बनता की हम भारतीय लोग Valentine को मनाएं |

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