Diabetes Treatment के क्षेत्र में भारतीय चिकित्सकों ने महत्वपूर्ण और महँan खोज की है। इस खोज से Diabetes के प्रकार का पता कर उसका ट्रीटमेंट आसानी से किया जा सकता है।
अक्सर Diabetes Patients को Insulin लेना पड़ता है, जबकि Diabetes की Type-1 का उपचार बगैर Insulin के संभव है। ‘BMC Medical Genetics’ जर्नल में Maturity Onset Diabetes of the Young' (MODY) नाम से Published इस शोध में Researchers ने Diabetes के प्रकार उल्लेख किया है।
सामान्य रूप से Diabetes के दो प्रकार होते हैं। मधुमेह Type-1 की शिकायत युवाओं या बच्चों को होती है। MODY के साथ मरीज आमतौर पर कमजोर होते हैं। उनकी कम उम्र के कारण उन्हें Type-1 Diabetes से पीड़ित बताया जाता है। उन्हें जीवनभर इंसुलिन Injection लेने की सलाह दी जाती है।
मधुमेह Type-2 सामान्य तौर पर Adults को प्रभावित करता है। बीमारी के अंतिम स्तरों को छोड़कर Hyperglycemia को Control करने के लिए Insulin की जरूरत नहीं होती है।
‘MODY जैसे Diabetes के मोनोजेनिक Form का पता चलने का महत्व सही जांच तक है, क्योंकि मरीजों को अक्सर गलत ढंग से Type-1 Diabetes से पीड़ित बता दिया जाता है। उन्हें गैर-जरूरी रूप से पूरी जिंदगी Insulin Injection लेने की सलाह दी जाती है।’
‘एक बार MODY का पता चलने पर MODY के ज्यादातर प्रारूपों में Insulin को पूरी तरह रोका जा सकता है। इन मरीजों का इलाज बहुत ही सस्ते सल्फोनिलयूरिया/Sulfonyilurea Tablet से किया जाता है, जिनका इस्तेमाल दशकों से Diabetes के इलाज के लिए किया जाता है। जहां तक उपचार और इन मरीजों के जीवन और उनके परिवारों की बात है तो यह एक नाटकीय बदलाव है।’
‘यह दुनिया में पहली बार हुआ है, जब NKX6-1 जीन Mutation को MODY के नए प्रकार के तौर पर परिभाषित किया गया है। MODY का यह प्रकार सिर्फ भारतीयों के लिए अनोखा है या यह अन्य लोगों में भी पाया जाता है, यह जांचने के लिए आगे भी अध्ययन करने होंगे।’
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ReplyDeletehttp://www.hashmidawakhana.org/diabetes-natural-treatment.html
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