Tuesday, 6 February 2018

क्या आप भी खा रहे हैं रिफाइंड आयल ?


आधुनिकता के नाम पर हमारे खाद्य पदार्थों में जितने भी Chemicals इस्तेमाल हो रहे हैं वो सब आपके शरीर में Poison पैदा करते हैं जो रोगों का मूल कारण हैं| आप बोलेंगे कि हम तो बाज़ार से Branded Oil लाये हैं? Double , Triple Refined Oil. ये डबल, ट्रिपल रिफाइंड वाले आयल ज़हर हैं आयल नहीं इसलिए Refiend Oil गलती से भी मत खाइए| 

Refined  करने ने ऑयल्स की गंघ और चिकनाई केमिकल Process द्वारा  ख़त्म कर दी जाती है आयल Refined करने की Chemical Process होती है जिसमे 6-7 केमिकल प्रयोग होते हैं, और डबल रिफाइंड में 12-13 केमिकल इस्तेमाल होते हैं वो सब केमिकल Artificial तरीकों  द्वारा बनाये गए हैं Factories में, नेचुरल केमिकल आयल को रिफाइंड नहीं कर सकता ये सब Inorganic chemicals होते  हैं जो दुनिया में सब तरह का ज़हर बनाते हैं | 

शुद्ध तेलों में जो गंध आती है वो उसके प्रोटीन तत्व के कारण से है जो दालों के बाद दुसरे नंबर का Protein है, और तेल में जो चिचिपापन है वो Fatty Acid की वजह से है अगर ये दोनों चीजें Oil से निकले तो Oil के सारे गुण ही चले गए.

एक बार सभी लोग ध्यान से समझें ? क्योकि ये बातें आपके बहुत काम की हो सकती हैं ?

दुनिया में सबसे ज्यादा रोग वात के ही हैं , वात के अंतर्गत 80 प्रकार के रोग आते हैं, Ayurved  के अनुसार शरीर में रोग तीन प्रकार से फैलते हैं वात , पित्त, कफ दोष| अगर वात को लाइफटाइम Control रखना है  तो Pure Oil खाओ| 
अशुद्ध आयल कोनसे हैं? जो रिफाइंड आयल, डबल/ट्रिपल रिफाइंड, डालडा, पाम आयल हैं | ऐसे Oils को खाने से हमेशा बचो जिंदिगी में कभी वात का रोग नहीं आएगा| वात रोग में मुख्यत होते हैं जोड़ों का दर्द, गठिया , कमर दर्द, सायटिका का दर्द, कंधे का दर्द, हड्डियो का दर्द या अकड़ना, गैस की समस्या, हार्ट अटैक , ब्रेन डेमेज, पेरालिसिस/लकवा आदि रोग वात दोषों के अंतर्गत आते हैं | 

अब आप तय कर लो क्या खाना है?

 क्या हम Pure Oil  नहीं खा रहे हैं? जी हाँ , आपका आयल Pure  नहीं है जिन जिन लोगो को वात की Disease  है वो समझ लो उनके घर में Oil शुद्ध नहीं है| 

जो आयल सामान्यता Cold Press/Expell/कोल्हू करके निकाला जाता है वो है शुद्ध आयल| उसी को खाओ, बाकी सब ऑयल्स में है मिलावत, जब आयल को रिफाइंड करते हैं तो आयल से उसकी चिकनाई निकाल लेते हैं इस सारी प्रक्रिया को बोलते हैं Refining of Oil और जब दो बार चिकनाई निकालते हैं तो बोलते हैं डबल रिफाइंड आयल , और उसी प्रकार तीन बार निकला तो Triple  refined , फिर Oil  में बचा क्या वो तो पानी जैसा  है| 

आप लोग चिकनाई से घबराने लगे क्योकि Doctors ने बता दिया कि Colestrol बढ जायेगा चिकनाई मत खाना| आप अगर चिकनाई  खाया  तो देख के खाना, कौनसी खाने लायक है और कौनसी खाने लायक नहीं हैं | 
चिकनाई दुनिया में Two  Type  की होती है एक जो हमारे शरीर को चाहिए  और एक जो हमारे शरीर के लिए बीमारी पैदा करती है ? 

जो अच्छी चिकनाई होती है वो बढाती है High Density Lipoprotein (HDL) और जो बुरी चिकने है वो बढाती है Lo Density Lipoprotein (LDL ), LDL चिकनाई कभी मत खाओ और वो चिकनाई जरुर खाओ जिससे HDL बढे क्योकि शरीर को उसकी जरुरत है इसे ना खाने से शरीर की चमक चली जाती है चेहरे की जो चमक होती है वो इसी चिकनाई के कारण आती है, अगर चिकनाई शरीर में नहीं है तो शरीर पिलपिला हो जायेगा |
अब आप बोलोगे की अच्छी चिकनाई कहाँ मिलती है ? ये मिलती है शुद्ध आयल में जो नारियल, सरसों, मूंगफली , तिल , आदि जिनका आयल सीधे मिल से निकलता है उसमें कोई मिलावट या Chemical Process नहीं की जाती है, कोई Chemicals नहीं मिलाया तो वो शुद्ध तेल है ऐसे ऑयल्स को खाओ Lifetime कभी कोई तकलीफ नहीं आने वाली| 

Research करने पर पता चला की हिंदुस्तान में ये Refined Oil कब से आया आज से 50 साल पहले कोई जानता तक नहीं था कि रिफाइंड आयल क्या होता है? ये सारा चक्कर देसी–विदेशी Companies ने मिलकर चलाया कि लोग परम्परागत आयल और Desi Ghee खाना बंद कर देंगे तो उनके माल की विक्री बढ़ जाएगी| इन Companies ने रिफाइंड आयल का प्रचार करना शुरू कर दिया की ये बहुत अच्छा है इसे खाने से कोई रोग नहीं होता , उसमे डॉक्टर्स लोगो को भी शामिल किया और उनसे कहलवाया। 

ये कम्पनीज बदले में इन डॉक्टर्स को मंहगे उपहार और अच्छे Commission  तो देते ही हैं साथ में कभी विदेशों की भी Free Trip  करा देते हैं|

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